पूजा के योग्य चीज़ें ना रखें ।
क्योंकि ऐसी वस्तुऐं रखते ही वह स्थान पूज्यनीय हो जाता है और घर पूज्यनीय नहीं है ।
Share this on...
4 Responses
पूजा प॔चपरमेष्ठी के गुणों का चिन्तन करना कहलाता है। पूजा अष्टद़व्य से की जाती है। घर में अशुद्बी होती है इस कारण घर में पूजा को निषेध माना गया है। घर पूज्यनीय नहीं माना गया है इसलिये पूज्य चीजों को रखा नहीं जा सकता है।
पूज्य 9 चीजें ही होती हैं ।
इनमें घर 2 को ही ला सकते हैं …
1) जिनबिंब–प्रतिष्ठा के पहले वे पूज्य नहीं, सो objection नहीं ।
2) जिनवाणी–सिध्दान्त-ग्रंथ नहीं रख सकते हैं।
4 Responses
पूजा प॔चपरमेष्ठी के गुणों का चिन्तन करना कहलाता है। पूजा अष्टद़व्य से की जाती है। घर में अशुद्बी होती है इस कारण घर में पूजा को निषेध माना गया है। घर पूज्यनीय नहीं माना गया है इसलिये पूज्य चीजों को रखा नहीं जा सकता है।
Lekin,kya mandir mein le jaane ke liye bhi, hum pooja ke liye aavashyak cheezen, ghar mein nahin rakh sakte?
पूज्य 9 चीजें ही होती हैं ।
इनमें घर 2 को ही ला सकते हैं …
1) जिनबिंब–प्रतिष्ठा के पहले वे पूज्य नहीं, सो objection नहीं ।
2) जिनवाणी–सिध्दान्त-ग्रंथ नहीं रख सकते हैं।
Okay.