चौथे काल में भगवानों के कल्याणकों की तिथियाँ तो दी हैं, संवत नहीं दिये क्योंकि –
1. वह युग असंख्यात वर्षों का था ।
2. कुंड़ली का संबंध तिथियों से मुख्य होता है ।
3. संवत बहुत से भी चलते हैं जैसे आजकल भी विक्रम, वीर निर्वाण आदि ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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यह कथन सही है कि चौथे काल में भगवानों के कल्याणो की तिथी का उल्लेख पाया जाता है लेकिन संवत की जानकारी उपल्बध नहीं है।यह भी सही है कि उक्त युग असंख्यात वर्षो का था।दूसरा कुडंली का संबंध तिथियों से होता है।संवत की शुरुआत भगवान् श्री महावीर के निवार्ण से प़ारम्भ हुआ है जिसको वीर निवार्ण संवत 2545 से हुआ है।जब कि विक़म संवत 2075 से शुरु हुआ है।ईसाईयो के मतानुसार संवत 2019 चल रहा है।अतः सब मिलाकर वीर निर्वाण से मानना उचित है।
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यह कथन सही है कि चौथे काल में भगवानों के कल्याणो की तिथी का उल्लेख पाया जाता है लेकिन संवत की जानकारी उपल्बध नहीं है।यह भी सही है कि उक्त युग असंख्यात वर्षो का था।दूसरा कुडंली का संबंध तिथियों से होता है।संवत की शुरुआत भगवान् श्री महावीर के निवार्ण से प़ारम्भ हुआ है जिसको वीर निवार्ण संवत 2545 से हुआ है।जब कि विक़म संवत 2075 से शुरु हुआ है।ईसाईयो के मतानुसार संवत 2019 चल रहा है।अतः सब मिलाकर वीर निर्वाण से मानना उचित है।