ठगी
संसार में ठगा, धर्म में आता है, धर्म में ठगा कहाँ जायेगा ?
लौकिक में ठगा धनादि खोता है पर अलौकिक जन्मजन्मान्तर खो देता है ।
तो क्या करें ?
या तो ख़ुद को सही की पहचान करने का ज्ञान हो वरना सच्चे गुरु के दिशा निर्देश में चलो ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
One Response
संसार में कुछ जीव ठगी का कार्य करते हैं।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि धर्म में यह ठगी आता है, तो जन्म-जन्मांतरों खो देता है। अतः उसको चाहिए कि खुद की पहिचान के लिए सच्चे गुरु के निर्देशन में चलना चाहिए ताकि सही दिशा मिल सकती है। जीवन में हर प्राणी को ठगी करने से बचना परम आवश्यक है ताकि अपना कल्याण करने में समर्थ हो सकता है।