दुर्जनों के साथ मैत्री या बैर कुछ भी नहीं करना चाहिए ,
कोयला जलता हुआ है तो स्पर्श करने पर जला देता है
और
ठंडा है तो हाथ काले कर देता है ।
( सुरेश )
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यह कथन सत्य है कि दुर्जनों के साथ मैत्री या बैर कभी भी रखना नही चाहिए।जो उदारण दिया गया है कि यह कोयला के समान है जब कोयला जलता है तो उसके स्पर्श करने पर जला देता है और जब ठन्डा होता है तो उससे हाथ काले हो जाते हैं।
अतः दुर्जनों से कभी भी बैर और मित्रता नहीं रखना चाहिए।
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यह कथन सत्य है कि दुर्जनों के साथ मैत्री या बैर कभी भी रखना नही चाहिए।जो उदारण दिया गया है कि यह कोयला के समान है जब कोयला जलता है तो उसके स्पर्श करने पर जला देता है और जब ठन्डा होता है तो उससे हाथ काले हो जाते हैं।
अतः दुर्जनों से कभी भी बैर और मित्रता नहीं रखना चाहिए।