जिनका मन दिन-भर भटकता है, उनको रात में सपने बहुत आते हैं और भटकने वाले होते हैं ।
साधु जब विशेष ध्यान करते हैं तब एक दिन पहले से भोजन/ बोलना छोड़कर एकांत में रहने लगते हैं ।
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ध्यान का मतलब चित् की एकाग्रता होना है।यह चार प्रकार के होते हैं,आर्तध्यान,रौध्यध्यान, धर्म ध्यान और शुक्लध्यान। धर्म ध्यान व शुक्ल ध्यान मोक्ष प्राप्ति में सहायक होने से शुभध्यान है। अतः उक्त सत्य है कि ध्यान में मन भटकता है। अतः जिसका मन दिन भर भटकता है,उनको रात में बहुत सपने आते हैं जो भटकने वाले होते हैं। जबकि साधु जब विशेष ध्यान करते हैं तब एक दिन पहले से भोजन और बोलना छोड़कर एकांत में रहने लगते हैं।
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ध्यान का मतलब चित् की एकाग्रता होना है।यह चार प्रकार के होते हैं,आर्तध्यान,रौध्यध्यान, धर्म ध्यान और शुक्लध्यान। धर्म ध्यान व शुक्ल ध्यान मोक्ष प्राप्ति में सहायक होने से शुभध्यान है। अतः उक्त सत्य है कि ध्यान में मन भटकता है। अतः जिसका मन दिन भर भटकता है,उनको रात में बहुत सपने आते हैं जो भटकने वाले होते हैं। जबकि साधु जब विशेष ध्यान करते हैं तब एक दिन पहले से भोजन और बोलना छोड़कर एकांत में रहने लगते हैं।