नियति
नियति यानि योग्यता ।
आचार्य अकलंक देव स्वामी ने लिखा है – जिस कारण से जो कार्य होना है/हो सकता है, उसी से वह कार्य होता है ।
जैसे आँख की नियति देखना है, सुनना नहीं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
नियति यानि योग्यता ।
आचार्य अकलंक देव स्वामी ने लिखा है – जिस कारण से जो कार्य होना है/हो सकता है, उसी से वह कार्य होता है ।
जैसे आँख की नियति देखना है, सुनना नहीं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
नियति वाद- -जो जब, जिसके द्वारा, जिस प्रकार से, जिस नियम से हो जाता है,वह तब ही तिसके द्वारा तिस प्रकार से होता है,ऐसा मानना नियतवाद नाम का एकांत मिथ्यात है। अतः उक्त कथन सत्य है कि नियति यानी योग्यता। आचार्य अकलंक देव स्वामी ने लिखा है,जिस कारण से जो कार्य होना है या हो सकता है,उसी से वह कार्य होता है। जैसे आंख की नियति देखना है,सुनना नहीं होता है।