यह तंत्र-विद्या का विषय है,
जैसे कोई मज़ाक में कह दे – “डाकू आ गये”, तो पसीना आने लगता है ।
आधार नहीं है, पर प्रभाव है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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उक्त कथन सत्य है कि यह तंत्र विद्या का विषय है। नज़र को अलग-अलग तरह से सोचते हैं,कुछ लोग बिल्ली रास्ता काट गयी या जो उल्लेख किया गया है कि डाकू आ गये आदि आदि, इससे डर लगता है, लेकिन यह मन का भ्रम होता है। अतः इसके लिए डरने की आवश्यकता नहीं है। यदि मन में भ़म है तो णमोकार मंत्र को पढ़ते से समस्या का निवारण हो जाता है, इसके अतिरिक्त दिल मजबूत होना चाहिए ताकि कोई डर नहीं लगेगा।
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उक्त कथन सत्य है कि यह तंत्र विद्या का विषय है। नज़र को अलग-अलग तरह से सोचते हैं,कुछ लोग बिल्ली रास्ता काट गयी या जो उल्लेख किया गया है कि डाकू आ गये आदि आदि, इससे डर लगता है, लेकिन यह मन का भ्रम होता है। अतः इसके लिए डरने की आवश्यकता नहीं है। यदि मन में भ़म है तो णमोकार मंत्र को पढ़ते से समस्या का निवारण हो जाता है, इसके अतिरिक्त दिल मजबूत होना चाहिए ताकि कोई डर नहीं लगेगा।