पाप क्रियाओं के लिये धर्म
पाप क्रियाओं के लिये धर्म करने से सफलता तो मिलेगी पर उसका अंत-फल सही नहीं आयेगा, जैसे रावण का अंत-फल ।
मुनि श्री सुधासागर जी
पाप क्रियाओं के लिये धर्म करने से सफलता तो मिलेगी पर उसका अंत-फल सही नहीं आयेगा, जैसे रावण का अंत-फल ।
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
पाप क़ियाऔं की सफलता के लिये धर्म की आवश्यकता है लेकिन जब मन में खोट रहता है तो सफलता नहीं मिलती है। रावण धर्म के प़ति समर्पण रखता था लेकिन मन में सीता जी के लिए खोटे विचार रखता था इसलिये उसका मरण बुरी तरह हुआ था। अतः धर्म के पालन में अनाचार नहीं होना चाहिए नहीं तो सफलता कभी नहीं मिलेगी।