ब्रम्हचर्य की 5 भावनायें – तत्वार्थ सूत्र – 7/7
पाँचों इंद्रियों के नियंत्रण की भावनायें हैं ।
पं श्री रतनलाल बैनाड़ा जी
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ब़म्हचर्य—मैथुन या काम सेवन का त्याग करना होता है।
ब़म्ह का अर्थ आत्मा है अतः आत्मा मे लीन होना ब़म्हचर्य है।
यह कथन भी सत्य है कि पांच इन्दियो के नियंत्रण की भावनायें होना चाहिए।
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ब़म्हचर्य—मैथुन या काम सेवन का त्याग करना होता है।
ब़म्ह का अर्थ आत्मा है अतः आत्मा मे लीन होना ब़म्हचर्य है।
यह कथन भी सत्य है कि पांच इन्दियो के नियंत्रण की भावनायें होना चाहिए।