भगवान के अंश

एक वेदों के विद्वान ने आचार्य श्री विद्यासागर जी से प्रश्न पूछा–
जब हम सब भगवान के अंश हैं,
तो हम सब अलग-अलग क्यों हैं ?

आ.श्री – अपने कथन को थोड़ा बदल लें —
भगवान के अंश नहीं, भगवान जैसे अंश ।

Share this on...

One Response

  1. आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी से भगवान् के अंश की बात की गई ।
    ज़बाव– भगवान् के अंश नहीं, लेकिन भगवान जैसे अंश होना आवश्यक है,यही वास्तविक सच्चाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

September 25, 2020

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930