मन भेद में कषाय (क्रोध, मानादि) है,
मत भेद में नहीं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि मन भेद में क़ोध आदि होते हैं,मत भेद में नहीं होते हैं, क्योंकि मत भेद तो सुलझाया जा सकता है लेकिन मन भेद को सुलझाना मुश्किल होता है। अतः जीवन में मन भेद नहीं रखना चाहिए ताकि कल्याण हो सकता है।
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि मन भेद में क़ोध आदि होते हैं,मत भेद में नहीं होते हैं, क्योंकि मत भेद तो सुलझाया जा सकता है लेकिन मन भेद को सुलझाना मुश्किल होता है। अतः जीवन में मन भेद नहीं रखना चाहिए ताकि कल्याण हो सकता है।