Sign Board में तापमान सही लग रहा था । अचानक दृष्टि “समय” पर गयी, वह बिलकुल गलत बता रहा था, तो तापमान पर विश्वास रहेगा ?
यही मिथ्यादृष्टि के साथ होता है ।
चिंतन
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6 Responses
मिथ्यादृष्टि—मिथात्व कर्म के उदय से वशीकृत जीव मिथ्याती कहलाता है, अथवा जो दोष युक्त देव को, हिंसा से युक्त धर्म को और परिग़ह में लिप्त गुरु को मानता है और आदर सत्कार करता है उसे ही मिथ्यादृष्टि कहते हैं।अतः सच्चे देव, शास्त्र और गुरु को नहीं मानता है वही मिथ्यादृष्टि कहलाता है।
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मिथ्यादृष्टि—मिथात्व कर्म के उदय से वशीकृत जीव मिथ्याती कहलाता है, अथवा जो दोष युक्त देव को, हिंसा से युक्त धर्म को और परिग़ह में लिप्त गुरु को मानता है और आदर सत्कार करता है उसे ही मिथ्यादृष्टि कहते हैं।अतः सच्चे देव, शास्त्र और गुरु को नहीं मानता है वही मिथ्यादृष्टि कहलाता है।
Uncle, thoda aur clarify karenge?
पाकिस्तान के सब statements तो गलत नहीं होते हैं न !
पर उसके झूठे statements confirm होते ही, अन्य statements पर से भी विश्वास उठ जाता है न !!
That means, “Samyagdrishti” case to case basis par hi “nirnay” leta hai aur “blanket decision” nahin leta?
या कहें …मिथ्यादृष्टी की सही बात पर भी विश्वास विवेक लगा कर करना चाहिए ।
Okay.