व्रती A.C.आदि का प्रयोग करें तो गुणस्थान गिरेगा ?
क्या व्रती मिथ्यात्व में चला जायेगा ?
शारीरिक अस्वस्थता के कारण, यदाकदा, व्रतों में दोष मानकर प्रयोग करें तो गुणस्थान नहीं गिरेगा।
मुनि श्री सुधासागर जी
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मिथ्यात् का मतलब उसका द्वष्टिकोण सम्यग्दर्शन सम्यक्ज्ञान और सम्यग्चारित्र को मानने वाला नहीं होता हैं। अतः उपरोक्त उदाहरण गुण स्थान का बताया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मिथ्यात् का मतलब उसका द्वष्टिकोण सम्यग्दर्शन सम्यक्ज्ञान और सम्यग्चारित्र को मानने वाला नहीं होता हैं। अतः उपरोक्त उदाहरण गुण स्थान का बताया गया है वह पूर्ण सत्य है।