मिथ्यात्व बंध का कारण नहीं, यह तो जड़ है ।
मिथ्यात्व-भाव, बंध का कारण है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
Share this on...
4 Responses
यह कथन सत्य है कि मिथ्यात्व चाहे एकान्त, चारित्र, ज्ञान, दर्शन,द्वष्टि और शल्य यह सब बंध का कारण नहीं है क्योंकि यह सब जड़ है। जैन धर्म भावना युक्त है, अतः मिथ्यात्व भाव रखना बंध का कारण है।
4 Responses
यह कथन सत्य है कि मिथ्यात्व चाहे एकान्त, चारित्र, ज्ञान, दर्शन,द्वष्टि और शल्य यह सब बंध का कारण नहीं है क्योंकि यह सब जड़ है। जैन धर्म भावना युक्त है, अतः मिथ्यात्व भाव रखना बंध का कारण है।
“मिथ्यात्व” aur “मिथ्यात्व-भाव” mein kya difference hai?
मिथ्यात्व एक stage है, पहला गुणस्थान है ।
इसकी background में जो भाव आते हैं, उसे मिथ्यात्व-भाव कहते हैं ।
Okay.