यह कथन सत्य है कि मुनि दीक्षा उनको ही दी जाती है जिसके अंग भंग खराब नहीं होना चाहिए एवं गूँगे और बहरे नहीं होना चाहिए। अंग भंग/गूँगे /बहरे होने पर साधना, तप और ध्यान ढंग से नहीं कर सकते हैं। Reply
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यह कथन सत्य है कि मुनि दीक्षा उनको ही दी जाती है जिसके अंग भंग खराब नहीं होना चाहिए एवं गूँगे और बहरे नहीं होना चाहिए। अंग भंग/गूँगे /बहरे होने पर साधना, तप और ध्यान ढंग से नहीं कर सकते हैं।