मोहनीय की शक्ति

धर्म-ध्यान से मोहनीय कर्म का क्षय दसवें गुणस्थान तक हो जाता है तो ज्ञानावरण आदि कर्मों का क्षय क्यों नहीं होता है ?

आचार्य श्री : मोहनीय दिखता बड़ा है, पर है चारों में कमजोर, इसिलिये कम विशुद्धि से ही क्षय हो जाता है ।
ज्ञानावरण आदि ज्यादा विशुद्धि (बारहवें गुणस्थान वाली) से क्षय होते हैं ।

पं. रतनलाल बैनाड़ा जी

Share this on...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

June 16, 2017

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031