अपने से ज्यादा ज्ञानी के सामने बोलना मत वरना ज्ञान लेने में अवरोध आ जायेगा ।
अपने से कम ज्ञानी के सामने बोलना मत वरना Irritation हो जायेगा ।
चिंतन
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मौन रहना बहुत बढी साधना है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि अपने से ज्यादा ज्ञानी के सामने बोलना बहुत कम होना चाहिए, क्योंकि ज्ञान लेने में अवरोध उत्पन्न होगा। जबकि अपने से कम ज्ञानी होने पर बहुत आवश्यक हो तभी कहना, अन्यथा वह चिडपना महसूस करेगा। अतः जीवन में जितना भी मौन रहना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण होगा।
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मौन रहना बहुत बढी साधना है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि अपने से ज्यादा ज्ञानी के सामने बोलना बहुत कम होना चाहिए, क्योंकि ज्ञान लेने में अवरोध उत्पन्न होगा। जबकि अपने से कम ज्ञानी होने पर बहुत आवश्यक हो तभी कहना, अन्यथा वह चिडपना महसूस करेगा। अतः जीवन में जितना भी मौन रहना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण होगा।