वैराग्य
दु:ख से ऊबकर लिया गया वैराग्य टिकता नहीं।
(क्योंकि पुण्य आकर्षित करता रहता है-गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी)
टिकाऊ वैराग्य लेना है/प्रगति करनी है तो पुण्य से ऊबो/ज्यादा कमाई से ऊबो।
मुनि श्री सुधासागर जी
दु:ख से ऊबकर लिया गया वैराग्य टिकता नहीं।
(क्योंकि पुण्य आकर्षित करता रहता है-गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी)
टिकाऊ वैराग्य लेना है/प्रगति करनी है तो पुण्य से ऊबो/ज्यादा कमाई से ऊबो।
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
वैराग्य ही मोक्ष मार्ग का रास्ता है। उपरोक्त कथन सत्य है कि दुःख से लिया वैराग्य टिकता नहीं है। अतः टिकाऊ वैराग्य लेना है, प़गति करनी है तो पुण्य से ऊबो एवं ज्यादा कमाई से ऊबना है। अपने कर्मों का नाश करना है तो वैराग्य का प्रयास करना परम आवश्यक है। जैसे आजकल मुनि बनना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।