शील की 9 बाढ़ हैं –
(मन, वचन,काय) × (कृत, कारित, अनुमोदना)
(10 धर्मों में, पहले 9 धर्मों को भी शील/ ब्रम्हचर्य की बाढ़ कहा गया है)
मुनि श्री सुधासागर जी
Share this on...
One Response
शील का मतलब अहिंसा आदि व़तों के रक्षा के लिए क़ोधधि, कषाय आदि का त्याग करना होता है।
मुनि महाराज ने सही कहा गया है कि मन,वचन,कायादि से शील की रक्षा होती है ऐसे ही 10 धर्मों में पहले 9 धर्मों को ब़ह्मचर्य की बाढ़ कहा गया है। अतः यह आवश्यक है कि ब़ह्मचर्य ही सभी धर्मों को पालने में समर्थ हो सकते हैं।
One Response
शील का मतलब अहिंसा आदि व़तों के रक्षा के लिए क़ोधधि, कषाय आदि का त्याग करना होता है।
मुनि महाराज ने सही कहा गया है कि मन,वचन,कायादि से शील की रक्षा होती है ऐसे ही 10 धर्मों में पहले 9 धर्मों को ब़ह्मचर्य की बाढ़ कहा गया है। अतः यह आवश्यक है कि ब़ह्मचर्य ही सभी धर्मों को पालने में समर्थ हो सकते हैं।