जो पत्थर छैनी/हथौडों की चोट से टूट जाते हैं,
उन्हें फर्श पर बिछा दिया जाता है और पैरों से कुचल जाते हैं।
जो सह लेते हैं ,वे भगवान(मूर्ति) बन जाते हैं/पूजे जाते हैं।
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& in spiritual parlance “chhainy /hathoree” may be equated to “raag / dwesh etc”
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