क्या पार्श्वनाथ भगवान के पुण्य कम थे, जो इंद्र देवता सहायता करने नहीं आये ?
पुण्य तो घने थे, 63 ऋद्धियाँ थीं, पर सहायता करने वही तो आयेंगे जिनको उन्होंने सहयोग दिये थे (सर्प के जीव) ।
मुनि श्री अविचलसागर जी
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कर्म सिद्धांत यही बताता है कि जो कर्म अतीत में किए होते हैं,उसका परिणाम वर्तमान में भुगतना पड़ता है, यदि वर्तमान में करते हैं,उसका फल अगले भव तक में भी भुगतना पड़ता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि…क्या पार्श्वनाथ भगवान के पुण्य कम थे, जिसके कारण इन्द़ देवता मदद करने नहीं आए थे,ऐसा नहीं था उनका पुण्य अधिक था लेकिन उनके द्वारा पूर्व भव में सर्प को सहयोग देने के कारण उनके ऊपर का उपसर्ग बचाने वही आये थे लेकिन कर्म को काटकर केवल ज्ञान हुआ था और भगवान बन गए थे ।
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कर्म सिद्धांत यही बताता है कि जो कर्म अतीत में किए होते हैं,उसका परिणाम वर्तमान में भुगतना पड़ता है, यदि वर्तमान में करते हैं,उसका फल अगले भव तक में भी भुगतना पड़ता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि…क्या पार्श्वनाथ भगवान के पुण्य कम थे, जिसके कारण इन्द़ देवता मदद करने नहीं आए थे,ऐसा नहीं था उनका पुण्य अधिक था लेकिन उनके द्वारा पूर्व भव में सर्प को सहयोग देने के कारण उनके ऊपर का उपसर्ग बचाने वही आये थे लेकिन कर्म को काटकर केवल ज्ञान हुआ था और भगवान बन गए थे ।