क्या भगवान आदिनाथ तथा पार्श्वनाथ के पुण्य कम थे, जो सौधर्म-इंद्र आदि बड़े देवता सहायता करने नहीं आये ?
पुण्य घने थे, 63 ऋद्धियां भी थीं, पर सहायता करने तो वही आयेगा न, जिसकी उन्होंने सहायता की थी !
मुनि श्री अविचलसागर जी
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4 Responses
भगवान् श्री आदिनाथ एवं श्री पार्श्वनाथ के पुण्य से रक्षा नहीं हुयी थी बल्कि उनके भवान्तर कर्मों के द्वारा ही घटित हुए थे। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि उनके पुण्य अधिक थे और रिद्धियां भी प्राप्त हुई थीं लेकिन सौधर्म इन्द़ या अन्य बड़े देवता भी सहायता करने नहीं आए थे लेकिन यह सत्य है कि उनको बचाने के लिए वही आये थे जिनकी उन्होंने सहायता की थी। उदाहरण श्री पार्श्वनाथ भगवान का है कि उन्होंने नाग नागिनी को बचाया था लेकिन जब कमठ ने उपसर्ग किया था तब नाग नागिनी ने उनकी रक्षा की थी।
अतः जीवन में हर व्यक्ति को ज़रुरत पड़ने पर मदद करना आवश्यक है ताकि वे जीव भविष्य में आपकी सहायता कर सकते हैं ।
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भगवान् श्री आदिनाथ एवं श्री पार्श्वनाथ के पुण्य से रक्षा नहीं हुयी थी बल्कि उनके भवान्तर कर्मों के द्वारा ही घटित हुए थे। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि उनके पुण्य अधिक थे और रिद्धियां भी प्राप्त हुई थीं लेकिन सौधर्म इन्द़ या अन्य बड़े देवता भी सहायता करने नहीं आए थे लेकिन यह सत्य है कि उनको बचाने के लिए वही आये थे जिनकी उन्होंने सहायता की थी। उदाहरण श्री पार्श्वनाथ भगवान का है कि उन्होंने नाग नागिनी को बचाया था लेकिन जब कमठ ने उपसर्ग किया था तब नाग नागिनी ने उनकी रक्षा की थी।
अतः जीवन में हर व्यक्ति को ज़रुरत पड़ने पर मदद करना आवश्यक है ताकि वे जीव भविष्य में आपकी सहायता कर सकते हैं ।
"भगवान आदिनाथ" ne Raja Shreyans ki kya help kari thi?
भगवान आदिनाथ की सहायता की कोई कथा नहीं आती, इसीलिए 7 माह तक अंतराय चलता रहा, जब तक कर्म की स्थिति चली ।
Okay.