आचार्य श्री विद्यासागर जी के संघ में सिंघाड़ा नहीं लेते पर उसे अभक्ष्य नहीं मानते ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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सिंघाडा जिमीकन्द नहीं होता है लेकिन उसको तालाब से निकालने पर हिंसा का दोष लगता है। इसलिये आचार्य विद्यासागर के संघ में सिंघाडा का उपयोग नहीं किया जाता है।
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सिंघाडा जिमीकन्द नहीं होता है लेकिन उसको तालाब से निकालने पर हिंसा का दोष लगता है। इसलिये आचार्य विद्यासागर के संघ में सिंघाडा का उपयोग नहीं किया जाता है।