इन मूर्तियों के पाँचों कल्याणक होते हैं; (मोक्ष कल्याणक उपचार से नहीं जैसा अरिहंत प्रतिमा का होता है) प्रशस्ति में भी मोक्ष कल्याणक की तिथि लिखी जाती है । नित्य अभिषेक भी होता है ।
पं. रतनलाल बैनाड़ा जी
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