सज़ा/फल मिलने की सीमायें….
अविरत सम्यग्दृष्टि 6 माह,
देशव्रती की 15 दिन,
महाव्रती की अंतरमुहूर्त,
ताकि इतने समय में अपनी भूल को प्रायश्चित करके सुधार ले।
मुनि श्री सुधासागर जी
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जैन धर्म में जीवन के कल्याण के लिए सीमाओं का उल्लेख किया गया है,जिसका पालन करना अनिवार्य है। अतः मुनि श्री सुधासागर जी ने उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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जैन धर्म में जीवन के कल्याण के लिए सीमाओं का उल्लेख किया गया है,जिसका पालन करना अनिवार्य है। अतः मुनि श्री सुधासागर जी ने उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।