देशनालब्धि का महत्व प्रवचन से भी ज्यादा है, सो सुनना सीखो ।
प्रवचन “आय” है, उसका सदुपयोग “खर्च” ।
प्रवचन सिर्फ सुनने/टाईम पास/मनोरंजन नहीं है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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2 Responses
देशना लब्धि का मतलब समीचीन धर्म का उपदेश देना देशना है। देशना देने वाले आचार्य आदि की प्राप्ति होना तथा उपादान-दृष्टि को ग़हण,धारण और विचारण की सामर्थ्य प्राप्त होना देशना-लब्धि है। उपरोक्त कथन सत्य है कि देशना-लब्धि का महत्व प़वचन से भी ज्यादा है, तो सुनना सीखो। प़वचन आय है और उसका सदुपयोग खर्च माना गया है।
अतः प़वचन सिर्फ सुनने या समय पास या मनोरंजन के लिए नहीं होता है।
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देशना लब्धि का मतलब समीचीन धर्म का उपदेश देना देशना है। देशना देने वाले आचार्य आदि की प्राप्ति होना तथा उपादान-दृष्टि को ग़हण,धारण और विचारण की सामर्थ्य प्राप्त होना देशना-लब्धि है। उपरोक्त कथन सत्य है कि देशना-लब्धि का महत्व प़वचन से भी ज्यादा है, तो सुनना सीखो। प़वचन आय है और उसका सदुपयोग खर्च माना गया है।
अतः प़वचन सिर्फ सुनने या समय पास या मनोरंजन के लिए नहीं होता है।
सुन्दर !
कहाँ से लिया ?