ज़िन्दगी जन्म से लेकर मृत्य तक रहती है लेकिन उसमे क्या करना होता है वह विचार नहीं करता है।सभी जीव आपनी आत्मा की पहिचान नहीं करता है जिसके कारण वह कुछ नहीं कर पाता है।अतः ज़िन्दगी में आत्मा को पहिचान कर लेता है, वही अपनी ज़िन्दगी को सफल बना सकता है। Reply
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ज़िन्दगी जन्म से लेकर मृत्य तक रहती है लेकिन उसमे क्या करना होता है वह विचार नहीं करता है।सभी जीव आपनी आत्मा की पहिचान नहीं करता है जिसके कारण वह कुछ नहीं कर पाता है।अतः ज़िन्दगी में आत्मा को पहिचान कर लेता है, वही अपनी ज़िन्दगी को सफल बना सकता है।