गुरु

बिना गुरु के सिखाये नृत्य को मयूर नृत्य कहते हैं ।
मयूर नृत्य करते समय अपने गुप्तांग को उघाड़ लेता है जो अभद्र दिखता है ।

Share this on...

One Response

  1. गुरु शब्द का अर्थ महान है,लोक में अध्यापक और माता-पिता गुरु होते हैं, जबकि मोक्ष मार्ग में आचार्य, उपाध्याय और साधु होते हैं। अतः उपरोक्त कथन सत्य है बिना गुरु सिखाये को ही मयूर नृत्य कहते हैं।जब मयूर नृत्य करते समय अपने गुप्तांग को उखाड़ लेता है जो अभ़द दिखता है। अतः कोई अच्छा काम करना हो तो गुरु का सहारा लेना परम आवश्यक है ताकि जीवन में सुधार हो सकता है, बिना गुरु के ज़िन्दगी बर्बाद होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.

Archives

Archives
Recent Comments

July 22, 2021

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728