प्रकाश ऐसा उत्पन्न करो, जिसके लिये दियासलाई की तीली की ज़रूरत ना पड़े ।
स्वप्रकाशित/ स्वआश्रित ।
Share this on...
One Response
प़काश का मतलब जीवन में उन्नति करना है। अतः उक्त कथन सत्य है कि प़काश के लिए दियासलाई की तीली की आवश्यकता नहीं होना चाहिए बल्कि जीवन में प़काश के लिए स्वप़काशित एवं स्वआश्रित होना चाहिए ताकि जीवन में प़काश हो सके, यही कल्याण का मार्ग है।
One Response
प़काश का मतलब जीवन में उन्नति करना है। अतः उक्त कथन सत्य है कि प़काश के लिए दियासलाई की तीली की आवश्यकता नहीं होना चाहिए बल्कि जीवन में प़काश के लिए स्वप़काशित एवं स्वआश्रित होना चाहिए ताकि जीवन में प़काश हो सके, यही कल्याण का मार्ग है।