जिन लोगों को करुणानुयोग/द्रव्यानुयोग में बहुत रुचि होती है, उनके लिये भी प्रथमानुयोग गाय दुहने से पहले, बछ्ड़े लगाने जैसा है।
प्रथमानुयोग पढ़ने से दूध आने लगता है, फिर करुणानुयोग/द्रव्यानुयोग पढ़ें।
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प़थमानुयोग का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में प़थमानुयोग शास्त्रों का अध्ययन करना चाहिए ताकि करणानुयोग एवं द़व्यानुयोग में रुचि बढती रहेगी!
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प़थमानुयोग का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में प़थमानुयोग शास्त्रों का अध्ययन करना चाहिए ताकि करणानुयोग एवं द़व्यानुयोग में रुचि बढती रहेगी!