भगवान

फ़कीर से एक राजा प्रभावित हो गया। अपने महल में रहने की प्रार्थना की ।
फ़कीर ने दो शर्तें लगायीं :-

  1. मैं जब सोऊँ, तो तुम्हें जागना होगा ।
  2. मैं जहाँ – जहाँ जाऊँ, वहाँ – वहाँ तुम्हें मेरे साथ चलना पड़ेगा।

राजा – मैं राज-काज छोड़कर, आपके साथ कैसे रह सकूंगा  ?
फ़कीर – मेरा भगवान तो हमेशा ऐसा ही करता है, फिर उसे छोड़कर मैं तुम्हारे साथ क्यों आऊँ ?

जो हमारी ओर देखता है, हम उसकी ओर नहीं देखते,
जो हमारी ओर नहीं देखते, हम उनकी ओर ही देखते हैं।

आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी

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