संवर

संवर का मुख्य कारण तप है ।

तप से निर्जरा मुख्य रूप से होती है ।
तप से पुण्य बंध भी होता है ।

कारण 1 तप, कार्य अनेक,
जैसे अग्नि के कार्य –
1. दाहक – निर्जरा
2. पाचक – संवर
3. प्रकाशक – पुण्य

तत्वार्थ सुत्र टीका – पं. कैलाशचंद्र जी

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