कर्तव्य
एक माँ दूसरे धर्मावलंबियों की Activities में जाने लगीं ।
उनके बेटे (मेहुल) ने दो – तीन दिन देखा फ़िर पूछा – अपना धर्म कब छोड़ रही हो ?
माँ ने जाना छोड़ दिया ।
गुरू जब शहर छोड़ कर जा रहे थे तब उस माँ ने पूछा था कि – आपकी Absence में जब कभी मैं भटक जाऊंगी तब कौन मुझे Guide करेगा ?
गुरू – तुम्हारे बच्चे तुम्हें Guide करेंगे ।माली अच्चे अच्छे बीज, भूमि को संस्कारित करके ड़ाल देता है, पेड़ बनकर वही बीज उसे जीवन पर्यंत स्वास्थवर्धक फल देते रहते हैं ।
आज वह माँ ऐसे अवसरों पर बच्चों में गुरू की आवाज मान कर उनका पालन करती है ।
उसी माँ के मुख से
छोटों को भी अपने कर्तव्यों को द्रढ़ता से निभाना चाहिये, चाहे वे बड़ों को अप्रिय क्यों ना लगें ।