कल्पातीत

 

16 स्वर्ग के ऊपर के देवों को कहा जाता है ।
कल्प :-
कल्पना भेदों की ( अलग तरह के देव ),
भवनवासियों में भेद होते हुए भी, उन्हें कल्प नहीं कहते, कारण ?
रूढ़िवश, 16 स्वर्गों को ही कल्प संज्ञा कही है ।

तत्वार्थ सुत्र टीका – पं. श्री कैलाशचंद्र जी

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