अनंतानुबंधी ( अति तीव्र कषाय ) :- अपनी सीट और साथ वाली भी घेर लेना। अप्रत्याख्यान ( तीव्र कषाय ) :- अपनी सीट पर ही बैठना। प्रत्याख्यान ( मध्यम कषाय ) :- अपनी सीट पर किसी दूसरे को भी बैठाना। संज्वलन ( मंद कषाय ) :- अपनी सीट किसी दूसरे को दे देना।
श्री लालमणी भाई
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