गृहीत-मिथ्यात्व
गृहीत-मिथ्यात्व सिर्फ भरत/ऐरावत क्षेत्रों के मनुष्यों के ही और हुंडावसर्पिणी में ही होता है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
गृहीत-मिथ्यात्व सिर्फ भरत/ऐरावत क्षेत्रों के मनुष्यों के ही और हुंडावसर्पिणी में ही होता है ।
मुनि श्री सुधासागर जी