तीसरा गुणस्थान
सादि मिथ्यादृष्टि तो तीसरे गुणस्थान में जा सकता है, अनादि नहीं ।
क्योंकि अनादि के सम्यक प्रकृति सत्ता में होती ही नहीं तो उदय में कैसे आयेगी ।
बाई जी
सादि मिथ्यादृष्टि तो तीसरे गुणस्थान में जा सकता है, अनादि नहीं ।
क्योंकि अनादि के सम्यक प्रकृति सत्ता में होती ही नहीं तो उदय में कैसे आयेगी ।
बाई जी