दुःख
एक आदमी बस में गंदी सीट पर बैठा और पीठ में दर्द कर लिया ।
घर आने पर उसको पूछा – आपने अपनी सीट किसी से बदल क्यों नहीं ली ?
वह बोला – बस में कोई था ही नहीं, बदलता किससे !
मुनि श्री वैराग्यसागर जी
दुःख के लिये रोते तो हैं पर उसे दूर करने का उपाय नहीं करते, जबकि उपाय Available हैं |