धर्म ध्यान
सम्यग्दृष्टि के पहले दो, मिथ्यादृष्टि के शून्य, देशव्रती के तीन और महाव्रती के चारों धर्मध्यान होते हैं ।
मुनि श्री कुंथुसागर जी
सम्यग्दृष्टि के पहले दो, मिथ्यादृष्टि के शून्य, देशव्रती के तीन और महाव्रती के चारों धर्मध्यान होते हैं ।
मुनि श्री कुंथुसागर जी