पुरुषार्थ

कर्मोदय के विपरीत परिणामों को रखना पुरुषार्थ है ।

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7 Responses

  1. चेष्टा या प़यत्न करना पुरुषार्थ है। कमोॅदय को बदलने के लिए पुरुषार्थ करना होगा। पुरुषार्थ चाहे धम॓. अथ॓. काम या मोक्ष का हो ,उसके लिए करना चाहिए तभी परिणाम मिलेंगे। धम॓ ओर मोक्ष के लिए पुरुषार्थ करने पर जीव मोक्ष प्राप्त कर सकता है। अतः हर क्षेत्र में पुरुषार्थ करने पर कमोॅदय को बदलने की क्षमता है।

    1. पुण्योदय में विपरीत परिणाम रख पाना ज्यादा जरूरी और कठिन है ।

    1. पुण्योदय कहता है…मस्त हो जाओ/मदहोश हो ।
      विपरीत पुरुषार्थ…विवेक/control रक्खो ।

  2. Okay.Mujhe pata hai ki “dharm” aur “moksh” purushaartha ko alag-alag rakha hai, magar un donon mein kya difference hai?

    1. धर्म पुरुषार्थ तो अर्थ तथा काम के साथ भी किया जाता है, पर मोक्छ अकेले/निर्जरा के लिये ।

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