भुज्यमान तथा बध्यमान की अपेक्षा

नरकायु का सत्त्व होने पर देशव्रत नहीं ले सकते हैं ।
तिर्यंचायु का सत्त्व होने पर महाव्रत नहीं ले सकते हैं ।
और देवायु का सत्त्व होने पर क्षपक श्रेणी नहीं चढ़ सकते हैं ।

कर्मकांड़ गाथा : – 335 & 336

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