रस

सभी रसों के शांत होने पर ही “शांत-रस” आता है ।

इसलिए “शांत-रस” रसों का राजा है ।

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4 Responses

  1. यह कथन सही है… सभी को “शांत-रस” का सेवन करना चाहिए।
    वही रस सभी रसों का राजा है। तभी जीवन का कल्याण होगा।

    1. जब तक अन्य रसों का आनंद लेते रहेंगे, “शांत-रस” का आनंद नहीं ले सकते ।

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