वेदनीय कर्म बंध के कारण

साता का बंध – दया, व्रत ( हिंसादि त्याग), योग ( समाधि परिणाम ), धर्म-ध्यान, शुक्ल-ध्यान, क्षमा, दान ( आहार, औषधि, अभय, ज्ञान ) पंचपरमेष्ठी में भक्ति आदि होने से ।

असाता का बंध – ऊपर की क्रियायों के विपरीत परिणामों से जैसे दु:ख, शोक (इष्ट वियोग, परिताप, अपवाद आदि से ), आक्रंदन (बहुत आंसू से विलाप करना ) , परिवेदन (उपकार लेने की इच्छा से विलाप करना) आदि से ।

कर्मकांड़ गाथा : – 801

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