माँ काम करते समय बच्चे को दूर रखने के लिये खिलौना दे देती है, वह मग्न हो जाता है ।
वैभव भी खिलौना है, जिसे मिला वह प्राय: जिनवाणी माँ से अलग हो जाता है ।
जब माँ पास बुलाना चाहती है तो खिलौना छीन लेती है, गोदी में ले लेती है ।
वैभव छिनने पर यही सोचें कि जिनवाणी माँ अपने पास बुला रही है ।
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I think the note on Vaibhav was very enlightening and it presents 2 different perspectives of looking at the concept.
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