सुख
सांसारिक सुख की तासीर –
1. समय/मात्रा/संख्या के साथ घटता है ।
2. सुख देने वाली वस्तु से अलगाव अवश्यंभावी होता है ।
3. सुख का अंत दु:खमय होता है ।
4. सुख क्षणिक होता है ।
जबकि धर्म का सुख इनके विपरीत होता है ।
सांसारिक सुख की तासीर –
1. समय/मात्रा/संख्या के साथ घटता है ।
2. सुख देने वाली वस्तु से अलगाव अवश्यंभावी होता है ।
3. सुख का अंत दु:खमय होता है ।
4. सुख क्षणिक होता है ।
जबकि धर्म का सुख इनके विपरीत होता है ।
One Response
संसारिक सुख क्षणिक होता है। लेकिन परमाथॅ सुख हमेशा रहता है। दुखों के बाद जो सुख मिलता है उसकी अनुभूति स्थाई होती है। सुख दुख में समता भाव तभी होगा जब धमॅ के प्रति आस्था होगी।