शाश्वत

मैं
परिवर्तन में जीता हूं
और
मौत से बेहद डरता हूं
(हालाँकि मौत भी बदलाव है)
यह सोचकर
कि शाश्वत में जीना-मरना
दोनों मुश्किल हैं…

गुरुवर मुनि श्री क्षमा सागर जी

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5 Responses

  1. शाश्वत कुछ भी नहीं है; सिर्फ़ आत्मा ही है ।बाक़ी, सभी नश्वर है ।

    1. मौत से डरता इसी लिए हूँ, क्योंकि भ्रमवश जीवन को, शाश्वत मान लिया है ।
      इसी लिए, सही से, जी नहीं पा रहा,
      पर और-और, जीना चाहता हूँ ।

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