अहिंसा और वीतरागता
वैसे तो रागद्वेष भी हिंसा है ।
पर प्रारम्भिक दशा में अहिंसा को आचार में लें, बाद में विचार में भी ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
वैसे तो रागद्वेष भी हिंसा है ।
पर प्रारम्भिक दशा में अहिंसा को आचार में लें, बाद में विचार में भी ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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2 Responses
जो लोग अहिंसा को आचार और विचार में लाने का प़यास करेंगे वही लोग वीतरागता की ओर बढ सकते हैं अन्यथा वीतरागता को प़ाप्त नहीं कर सकते ।
“वैसे तो रागद्वेष भी हिंसा है ।” Can, meaning of this statement, be explained please?