धर्मात्मा

जो देश/ समाज/ परिवार/ शरीर की बाधाओं के रहते हुये भी धर्म करने की राह निकाल ही ले ,
कृत से ना कर सके तो कारित या अनुमोदना से करे ।

Share this on...

One Response

  1. धर्मात्मा वही हो सकता है जो देश,समाज,परिवार और शरीर की बाधायें होते हुए धर्म की राह पर चले ।इसके लिए कृत न भी करे लेकिन अनुमोदना अवश्य करना चाहिए। धर्म का पालन करते समय आचार विचार का पालन करना चाहिए तभी धर्मात्मा कह लाने योग्य होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

October 20, 2018

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930