जल
दादाजी ने नदी में देखा, पिता ने कुंए में , हमने नल में, हमारे बच्चों ने बोतल में, उनके बच्चे तो चित्रों में देखेंगे,
यदि हम नहीं जागे तो !
दादाजी ने नदी में देखा, पिता ने कुंए में , हमने नल में, हमारे बच्चों ने बोतल में, उनके बच्चे तो चित्रों में देखेंगे,
यदि हम नहीं जागे तो !
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जल का जीवन में प़त्येक प़ाणी के लिए बहुत आवश्यकता होती है, अतः जल का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।यह कथन सत्य है कि दादा जी ने नदी में देखा था, पिता ने कुंए में देखा है, हम लोग नल में देख रहे हैं, जबकि बच्चे लोग बोतल में देख रहे हैं, जबकि उनके बच्चे चित्रो में ही देखेगे।
जल की पूर्ती के लिए पर्यावरण को विनास कर रहे हैं।अतः जीवन में प़त्येक मनुष्य के लिए पेडो़ को लगाना चाहिए ताकि जल का संरक्षण हो सकता है एवं जल का उपयोग सीमित करना चाहिए।