भोग-भूमि के मिथ्यादृष्टि जीव भवनत्रिक देव बनते हैं । पुरूष जम्हाई तथा स्त्री छींक से मरण को प्राप्त होतीं हैं । यहां न अधिक पुण्य होता है, न अधिक पाप । 30 भोग-भूमियों में से, 10 सुखमा-सुखमा, 10 सुखमा तथा 10 सुखमा-दुखमा वाली होतीं है ।
तत्वार्थ सूत्र -3/29
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